एक दिन C.P पर जब ....


किसी रोज जब तुम CP पे ख़रीदने में बिज़ी होगी कोई जॉन एलिया की किताब, अचानक पीछे से आके वो गज़रा गूथ देगा तुम्हारे बालों में! पलट के तुम देख के मुस्क़ियाओगी और फिर शर्मा के चेहरे को छुपा लोगी उस किताब से जिसके पीछे जॉन साब का शेर लिखा होगा.. शर्म, वहशत, लाज, परेशानी, नाज से काम क्यों नहीं लेती तुम, वो, जी, आप ये क्या है? तुम मेरा नाम क्यों नहीं लेती ?

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